(बाल-दिवस पर विशेष)
मैं कितना लाचार बनाया!
अच्छा था बीमार बनाया!!
छीन लिया मेरा भोलापन,
और मुझको हुशियार बनाया!
मै काग़ज था, नाव बना था,
पर तुमने अख़बार बनाया!
मैने ढाल बनाया था दिल,
तुमने दिल तलवार बनाया!
मेरे मन में सुखद स्नेह था,
पीड़ा-दायक प्यार बनाया!
और 'नमन' क्या बोलूं ज्यादा ,
फूल बना था, ख़ार बनाया!!
मैं कितना लाचार बनाया!
अच्छा था बीमार बनाया!!
छीन लिया मेरा भोलापन,
और मुझको हुशियार बनाया!
मै काग़ज था, नाव बना था,
पर तुमने अख़बार बनाया!
मैने ढाल बनाया था दिल,
तुमने दिल तलवार बनाया!
मेरे मन में सुखद स्नेह था,
पीड़ा-दायक प्यार बनाया!
और 'नमन' क्या बोलूं ज्यादा ,
फूल बना था, ख़ार बनाया!!