मैं रिंद हूँ , तेरी आँखें हैं मेरा पैमाना
तेरे होठों की सुराही, बदन का मयखाना
मुझसे मत पूछ, दीवाने कहाँ पे रहता है
मैं हूँ पागल, तेरा दिल है मेरा पागलखाना
...............प्रवेश गौरी 'नमन'
तेरे होठों की सुराही, बदन का मयखाना
मुझसे मत पूछ, दीवाने कहाँ पे रहता है
मैं हूँ पागल, तेरा दिल है मेरा पागलखाना
...............प्रवेश गौरी 'नमन'
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