शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

आव नहीं, ताव नहीं

आव  नहीं, ताव नहीं, मोल नहीं, भाव नहीं
बस थोड़ा मस्का लगाया, मिल जाएगी!
एक बार मिली पाँच साल बैठ राज करूँ
नेता सोचे मेरी किस्मत खिल जाएगी
कुर्सी पे कब्ज़ा हो सत्ता हाथ में हो मेरे
जैसे भी पिलाऊंगा मैं वैसी पिल जाएगी
पर अब अन्ना जी की तुझको चुनौती है ये
भ्रष्टाचारी तेरी सारी नींव हिल जाएगी!!!
.....................(प्रवेश गौरी 'नमन')

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