शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

ओए क्या बात हो गयी

छुप गए नेता सारे ओए क्या बात हो गयी
अन्ना जी जो पधारे करामात हो गयी!!
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मुरली मनमोहन
न गाए तराने
सोनी के नखरे भी पुराने!
एक वो दिन था के रोज़ नए गाने थे
सजते रात और दिन में मयखाने थे
जाम बने अंगारे ओए क्या बात हो गई
जैसी करनी की वैसी हालात हो गयी!!
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अम्बुआ की डाली
पे सोनी मतवाली
मोहन कर रहे रखवाली
महाभारत में रामायण का भी आना हुआ
शासक को बनवास का करना बहाना हुआ
सिंह भरत पादुका सम्भारे ओए क्या बात हो गई?
सिंह जी अब कर लो छुट्टी, पूरी जमात हो गई!!
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छुप गए नेता सारे ओए क्या बात हो गयी
अन्ना जी जो पधारे करामात हो गयी!!
.............. (प्रवेश गौरी 'नमन')


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