गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

बड़ी तकलीफ़ होती है / Badi Takleef Hoti Hai

मत  दे  किसी  को  दिल,  बड़ी  तकलीफ़  होती है,
ये  मेरी  आँख  तेरी  याद  में  जगती  न  सोती है!
तेरी यादों के रेगिस्ताँ में, दिल सूखा सज़र समझो,
तेरी ख्वाहिश है जो इस रेत को पल-पल भिगोती है!!
.......................................... -प्रवेश गौरी 'नमन'

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