मत दे किसी को दिल, बड़ी तकलीफ़ होती है,
ये मेरी आँख तेरी याद में जगती न सोती है!
तेरी यादों के रेगिस्ताँ में, दिल सूखा सज़र समझो,
तेरी ख्वाहिश है जो इस रेत को पल-पल भिगोती है!!
.......................................... -प्रवेश गौरी 'नमन'
ये मेरी आँख तेरी याद में जगती न सोती है!
तेरी यादों के रेगिस्ताँ में, दिल सूखा सज़र समझो,
तेरी ख्वाहिश है जो इस रेत को पल-पल भिगोती है!!
.......................................... -प्रवेश गौरी 'नमन'
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