शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

मेरी कस्तूरी / Meri Kastoori

वो,
जो रहती है
हर पल
मेरे पास,

मेरी साँसों में,
मेरी धड़कन में,
मेरे सपनों में,
मेरे दिल में,
मेरी आहों में,
मेरे मन में!

मैं,
जो ढूंढ़ता हूँ
हर पल
कहीं दूर,

गावों में,
गलियों में,
गुलशन में,
कलियों में,
पनघट पे,
सखियों में!

वो,
जो बसी है
मुझ में ही!

मैं
अनजान
उसे ढूंढता हूँ
भटकता भी हूँ
ठीक,
एक मृग की तरह!

आख़िर,
क्यों न
भटकता रहूँ!

वो,
जो है
मेरी कस्तूरी!!

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