ग़ज़ल गुरु (غزل گورو)
इस ब्लॉग में सभी साहित्य-साधकों एवं शोधार्थियों का स्वागत है!
शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011
शिक्षा दी है / Shiksha Dee Hai
साधक को सदा ज्ञान की दीक्षा दी है!
याचक को सदा प्रेम की भिक्षा दी है!!
माँ, बहन, पत्नी, प्रिया, बेटी बन कर,
नारी ने हर एक रूप में शिक्षा दी है!!
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